अमिताभ बच्चन का संपूर्ण जीवन परिचय ll Amitabh Bachchan
अमिताभ ने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने वाद-विवाद, खेल और मंचीय गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से हुई। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे कुछ समय कोलकाता में एक शिपिंग कंपनी में कार्यरत रहे। इसी दौरान अभिनय का आकर्षण बढ़ता गया और वे मुंबई आए, जहाँ संघर्षों की लंबी शुरुआत हुई—ऑडिशन, अस्वीकृतियां और छोटे-छोटे अवसरों का सिलसिला, जिन पर उन्होंने धैर्य के साथ काम किया।
1969 की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से अभिनय की शुरुआत हुई।
उनकी गहरी और प्रभावशाली आवाज़ ने उन्हें अलग पहचान दी।
1973 की ‘जंजीर’ ने उन्हें वह मंच दिया जिसने हिंदी फिल्मों में एक नए नायक की परिभाषा तय की: एंग्री यंग मैन। इसके बाद ‘दीवार’ (1975), ‘शोले’ (1975), ‘कभी कभी’ (1976), ‘अमर अकबर एंथनी’ (1977), ‘डॉन’ (1978), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘काला पत्थर’ (1979), ‘सिलसिला’ (1981) जैसी फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता को अभूतपूर्व ऊँचाई दी।
अमिताभ बच्चन का संपूर्ण जीवन परिचय ll Amitabh Bachchan
1982 में ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान गंभीर चोट ने उनके जीवन और करियर में बड़ा विराम लाया। देशभर में उनके स्वास्थ्य के लिए दुआओं का सिलसिला चला। वे स्वस्थ होकर लौटे और 1980–90 के दशक में ‘शहंशाह’, ‘अग्निपथ’, ‘हम’ जैसी फिल्मों से प्रभाव बनाए रखा।
1990 के दशक के अंत में कुछ असफलताओं और आर्थिक संकटों के बाद 2000 में ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) के साथ उन्होंने ऐतिहासिक वापसी की। ‘मोहब्बतें’ (2000) ने उनके दूसरे अध्याय की शुरुआत की। इसके बाद ‘ब्लैक’ (2005), ‘चीनी कम’ (2007), ‘पा’ (2009), ‘पीकू’ (2015), ‘पिंक’ (2016), ‘बदला’ (2019), ‘गुलाबो सिताबो’ (2020), ‘झुंड’ (2022) जैसी फिल्मों ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को स्थापित किया।
👉 पद्मश्री (1984)
👉 पद्मभूषण (2001)
👉 पद्मविभूषण (2015)
👉 दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2019)
👉 फ्रांस का लीजन ऑफ ऑनर (2007)
चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: अग्निपथ (1990), ब्लैक (2005), पा (2009), पीकू (2015)
उनकी आवाज़ देश की सबसे पहचान योग्य सांस्कृतिक ध्वनियों में गिनी जाती है। डॉक्यूमेंट्री, कवितापाठ और नैरेशन में उनकी उपस्थिति एक अलग महत्व रखती है।
1984 में वे राजनीति में आए और इलाहाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए।
लेकिन राजनीति उनके स्वभाव से मेल नहीं खाई, और 1987 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
1990 के दशक में ABCL कंपनी ने महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की, पर वित्तीय संकटों ने उन्हें गहरे दबाव में ला दिया। लेकिन उन्होंने धैर्य, अनुशासन और विश्वास के साथ वापसी की।
👉 शुरुआती करियर में कई फिल्में असफल रहीं।
👉 ‘कुली’ के दौरान लगी चोट बेहद खतरनाक थी।
👉 राजनीति में प्रवेश असफल रहा।
👉 1990 के दशक में आर्थिक दबाव और असफल फिल्मों ने लोकप्रियता प्रभावित की।
👉 पत्नी: जया भादुरी (1973)
👉 संतान: श्वेता बच्चन नंदा, अभिषेक बच्चन
👉 बहू: ऐश्वर्या राय बच्चन
👉 पोती: आराध्या बच्चन
अमिताभ बच्चन को “बॉलीवुड का शहंशाह” कहा जाता है। उन्होंने हिंदी सिनेमा में नायक की परिभाषा बदली। संवाद अदायगी, अभिनय शैली और कैमरे को समझने की क्षमता—ये सब उन्हें अनोखा बनाते हैं।
आज भी वे निरंतर सक्रिय हैं—नई पीढ़ी के निर्देशकों के साथ काम करते हुए अपने कला-संसार को विस्तार देते हुए।
अमिताभ बच्चन का संपूर्ण जीवन परिचय ll Amitabh Bachchan
11 अक्टूबर 1942 से शुरू हुई यह यात्रा—संघर्ष, विफलता, पुनरुत्थान और शिखर—भारत के सिनेमा का असली इतिहास है। उनका जीवन बताता है कि सफलता को बनाए रखने के लिए अनुशासन, सीखने की ललक और आत्म-संशोधन आवश्यक है।
👉 संक्षेप में, अमिताभ बच्चन का जीवन भारतीय सिनेमा की वह कहानी है जिसने पूरी पीढ़ियों को प्रेरित किया।

