सनातन धर्म कब शुरू हुआ? | सनातन धर्म | Sanatan Dharma | संस्थापक
सनातन धर्म का अर्थ है “शाश्वत धर्म”—अर्थात जो ना कभी शुरू हुआ और ना कभी समाप्त होता है। यह वैदिक परंपरा से उत्पन्न है और आज इसे सामान्यत: हिन्दू धर्म के रूप में जाना जाता है।
सनातन धर्म कब शुरू हुआ?
1. समय की दृष्टि से
सनातन धर्म की शुरुआत किसी एक तारीख या घटना से नहीं मानी जाती। शास्त्रों के अनुसार:
- यह सृष्टि के साथ ही प्रकट हुआ।
- इसे अनादि (शुरुआत-रहित) कहा गया है।
- ऋग्वेद के मंत्र 6000–8000 वर्ष या उससे भी अधिक प्राचीन माने जाते हैं।
- यह मानव सभ्यता के आरंभ से अनुसरित धर्म माना जाता है।
2. ऐतिहासिक दृष्टि से
इतिहासकारों के अनुसार वैदिक संस्कृति भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से है, जिसका आरंभ लगभग:
- 3000–5000 ईसा पूर्व या उससे भी पहले माना जाता है।
- सिन्धु–सरस्वती सभ्यता, वेद, उपनिषद, पुराण—इन सभी की जड़ें सनातन धर्म में हैं।
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सनातन धर्म का संस्थापक कौन है?
सनातन धर्म किसी एक व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं हुआ। यह:
- दिव्य ज्ञान
- ऋषि परंपरा
- वेदों के श्रुति-ज्ञान
के माध्यम से स्वतः प्रकट और विकसित हुआ। इसलिए इसका कोई “संस्थापक” नहीं है।
प्राचीन ऋषि
जिन ऋषियों को वेदज्ञान प्राप्त हुआ, उनमें शामिल हैं:
- ब्रह्मा
- अत्रि
- वशिष्ठ
- विश्वामित्र
- भरद्वाज
- कश्यप
- गौतम
- जमदग्नि
- अगस्त्य
पहले मनु कौन थे?
1. आद्य मनु – स्वायम्भुव मनु
- इनको पहले मनु कहा जाता है।
- ब्रह्मा से प्रकट हुए।
- पत्नी: शतरूपा।
- मानव सभ्यता की प्रारंभिक व्यवस्था बनाई।
2. वर्तमान मनु – वैवस्वत मनु
- सूर्य देव विवस्वान के पुत्र।
- महाप्रलय के बाद मानव जाति के रक्षक।
- मनुस्मृति इन्हीं से संबंधित मानी जाती है।
सारांश
- सनातन धर्म = शाश्वत, अनादि, समय-रहित।
- इसका कोई संस्थापक नहीं है।
- पहले मनु: स्वायम्भुव मनु
- वर्तमान मनु: वैवस्वत मनु

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