स्वामी विवेकानंद जी (Biography & Achievements in Hindi)

Sanatan Diary
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     स्वामी विवेकानंद जी (Biography & Achievements in Hindi) 

स्वामी विवेकानंद जी (Biography & Achievements in Hindi)
 भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के महान दूत थे। उन्होंने न केवल भारत की आध्यात्मिक परंपरा को विश्वभर में पहुँचाया, बल्कि युवाओं को आत्मविश्वास, परिश्रम और राष्ट्रप्रेम की राह भी दिखाई। उनका प्रसिद्ध कथन  “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए” आज भी हर युवा को प्रेरित करता है।

👉 जन्म और परिवारिक पृष्ठभूमि :- जन्म: 12 जनवरी 1863 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुआ।  वास्तविक नाम: नरेन्द्रनाथ दत्त।  
पिता: विश्वनाथ दत्त – प्रसिद्ध वकील।  
माता: भुवनेश्वरी देवी – धार्मिक प्रवृत्ति की महिला। 
बचपन से ही नरेंद्र जिज्ञासु, साहसी और तर्कशील स्वभाव के थे।  

👉शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:- नरेंद्र ने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। वे संगीत, व्यायाम और अध्ययन में दक्ष थे। पश्चिमी दर्शन और भारतीय वेदांत दोनों में गहरी रुचि रखते थे।  युवावस्था में वे ईश्वर के अस्तित्व को लेकर प्रश्न करते थे – “क्या आपने भगवान को देखा है?”  


👉गुरु रामकृष्ण परमहंस से भेंट:- नरेंद्र की आध्यात्मिक यात्रा का निर्णायक मोड़ तब आया जब वे रामकृष्ण परमहंस से मिले। रामकृष्ण ने उन्हें ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव कराया। वे उनके शिष्य बने और जीवन को समाज सेवा और अध्यात्म के लिए समर्पित कर दिया।  

👉संन्यास और आध्यात्मिक यात्रा:- गुरु के निधन के बाद नरेंद्र ने संन्यास लिया और नाम रखा गया –स्वामी विवेकानंद। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की और गरीबों, दलितों और पीड़ितों की दशा देखी। उनका मानना था कि “दरिद्र नारायण की सेवा ही सच्ची पूजा है।”  

                 स्वामी विवेकानंद जी (Biography & Achievements in Hindi)  

👉शिकागो धर्म संसद (1893) :- 11 सितंबर 1893 को अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।  

उनका उद्घाटन वाक्य “अमेरिका के भाइयों और बहनों” आज भी इतिहास में अमर है। उन्होंने सनातन धर्म, वेदांत और भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता को विश्व के सामने रखा। इस भाषण ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्ध कर दिया।  

👉रामकृष्ण मिशन की स्थापना :- 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। उद्देश्य: शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सेवा और अध्यात्म का प्रसार। आज भी यह संस्था भारत और विदेशों में कार्यरत है।  

👉 प्रमुख उपलब्धियाँ (Jeevan Yatra & Achievements)  

भारतीय संस्कृति और वेदांत को विश्वभर में पहुँचाया।  

युवाओं को आत्मविश्वास और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया।  

राजयोग, ज्ञानयोग, कर्मयोग जैसी पुस्तकों की रचना की।  

गरीबों और दलितों की सेवा को धर्म का आधार बनाया।  

शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा साधन बताया।  

महिलाओं की शिक्षा और समानता पर बल दिया।  

👉 भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके विचारों ने युवाओं को प्रेरित किया।  


स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार   
उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्त करो।  
दरिद्र नारायण की सेवा ही सच्ची पूजा है।  
शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण है।  
आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है।  
धर्म का सार मानवता है।  
मृत्यु  

स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल में हुआ।  मात्र 39 वर्ष की आयु में उन्होंने संसार को अलविदा कहा।  उनकी मृत्यु के बाद भी उनके विचार और संस्थाएँ जीवित हैं।  

 निष्कर्ष  

स्वामी विवेकानंद जी का जीवन भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का उज्ज्वल प्रतीक है। उनकी जीवन यात्रा (Jeevan Yatra) और उपलब्धियाँ (Achievements) आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं। वे केवल एक संन्यासी नहीं थे, बल्कि राष्ट्र निर्माता, समाज सुधारक और विश्वगुरु थे।  

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